बिहार में विश्वविद्यालय: उच्च शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र
शिक्षा (EDUCATION)
बिहार की धरती ने विश्व को प्राचीन काल से ही ज्ञान का अद्भुत खजाना प्रदान किया है। यह वह पावन भूमि है जहाँ नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों ने ज्ञान की ज्योति जलाई थी। आज का आधुनिक बिहार इसी गौरवशाली परंपरा को नए रूप में सँजोए हुए है। प्राचीन काल में जहाँ नालंदा विश्वविद्यालय में 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक शिक्षा ग्रहण करते थे, वहीं आज बिहार में 60 से अधिक विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान लाखों छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
वर्तमान समय में बिहार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का साक्षी बन रहा है। राज्य सरकार की 'बिहार शिक्षा क्रांति' योजना और केंद्र सरकार के सहयोग से यहाँ शिक्षा के बुनियादी ढाँचे में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। आज बिहार न केवल पारंपरिक विषयों बल्कि प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, प्रबंधन और कानून जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर रहा है।
इस लेख का उद्देश्य बिहार में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों, उनके ऐतिहासिक महत्व, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों, अनुसंधान सुविधाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है। हम विशेष रूप से उन संस्थानों पर प्रकाश डालेंगे जो न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं।
बिहार की शिक्षा व्यवस्था में आ रहे इस परिवर्तन ने न केवल स्थानीय छात्रों को लाभान्वित किया है, बल्कि देश-विदेश के छात्रों को भी आकर्षित किया है। नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार से लेकर नए आईआईटी और आईआईएम की स्थापना तक, बिहार शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात कर रहा है। यह लेख इसी शैक्षिक क्रांति के विभिन्न आयामों को समझने का एक प्रयास है।
बिहार में उच्च शिक्षा का परिदृश्य
वर्तमान में बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति कुछ इस प्रकार है:
8 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान
4 केंद्रीय विश्वविद्यालय
20 राज्य विश्वविद्यालय
7 निजी विश्वविद्यालय
1 डीम्ड विश्वविद्यालय
4 केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रतिष्ठित संस्थान
38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज
14 मेडिकल कॉलेज
राष्ट्रीय महत्व के संस्थान
बिहार में स्थित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की सूची:
भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), बोध गया
स्थापना: 2015
विशेषज्ञता: प्रबंधन शिक्षा
संबंधित: IIM समुदाय का सबसे नया संस्थान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), पटना
स्थापना: 2008
विशेषज्ञता: विज्ञान और प्रौद्योगिकी
उल्लेखनीय: NIRF रैंकिंग में लगातार अच्छा प्रदर्शन
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), पटना
स्थापना: 2012
विशेषज्ञता: चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान
महत्व: पूर्वी भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख केंद्र
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (NIPER), हाजीपुर
स्थापना: 2007
विशेषज्ञता: फार्मास्युटिकल शिक्षा
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), पटना
स्थापना: 1886 (2004 में NIT का दर्जा)
ऐतिहासिक महत्व: बिहार का सबसे पुराना तकनीकी संस्थान
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), भागलपुर
स्थापना: 2017
विशेषज्ञता: सूचना प्रौद्योगिकी
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा
स्थापना: 1905
विशेषज्ञता: कृषि विज्ञान
ऐतिहासिक महत्व: देश के प्रमुख कृषि संस्थानों में से एक
नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर
स्थापना: 2010
विशेषज्ञता: बौद्धिक, दार्शनिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अध्ययन
विशेषता: प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास
केंद्रीय विश्वविद्यालय
बिहार राज्य में वर्तमान में 4 केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित हैं, जो भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्य करते हैं। ये सभी विश्वविद्यालय UGC द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और देश भर के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
1. केंद्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण बिहार (Central University of South Bihar), गया
स्थापना वर्ष: 2009
स्थान: पंचनपुर, गया
विशेष विभाग:
स्कूल ऑफ एजुकेशन
स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस
स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज एंड पॉलिसी
परिसर: 300 एकड़ में फैला हुआ आधुनिक परिसर
अनूठी विशेषता: इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च पर विशेष जोर
2. नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University), राजगीर
स्थापना वर्ष: 2010 (प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की परंपरा को पुनर्जीवित करने हेतु)
विशेष प्रकार: अंतरराष्ट्रीय स्तर का केंद्रीय विश्वविद्यालय
विशेष विभाग:
स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्पेरेटिव रिलीजन
स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज
स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: 17 देशों के साथ शैक्षणिक समझौते
3. महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (Mahatma Gandhi Central University), मोतिहारी
स्थापना वर्ष: 2016
स्थान: मोतिहारी, पूर्वी चंपारण
विशेष विभाग:
डिपार्टमेंट ऑफ गांधी एंड पीस स्टडीज
स्कूल ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज
स्कूल ऑफ कंप्यूटेशनल साइंसेज
सामाजिक उद्देश्य: ग्रामीण विकास पर विशेष फोकस
4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University), पूसा
स्थापना वर्ष: 1905 (2016 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा)
स्थान: पूसा, समस्तीपुर
विशेष विभाग:
कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर
कॉलेज ऑफ फिशरीज
कॉलेज ऑफ होर्टिकल्चर
अनुसंधान केंद्र: 10 अनुसंधान केंद्र संचालित
ये चारों केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रत्येक विश्वविद्यालय की अपनी विशिष्ट पहचान और विशेषज्ञता है, जो बिहार के छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान कर रही है।
राज्य विश्वविद्यालय
पटना विश्वविद्यालय (1917)
संबद्ध महाविद्यालय: 14
प्रमुख महाविद्यालय: पटना कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, पटना लॉ कॉलेज
बी.आर. अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (1952)
संबद्ध महाविद्यालय: 38
प्रमुख: लंगट सिंह कॉलेज, मरकॉ कॉलेज, महंत दर्शन दास महिला कॉलेज
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (1960)
संबद्ध महाविद्यालय: 22
प्रमुख: टी.एन.बी. कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज, सुंदरवती महिला कॉलेज
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (1972)
संबद्ध महाविद्यालय: 28
प्रमुख: मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज, सरजुग डेंटल कॉलेज
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया (1962)
संबद्ध महाविद्यालय: 94 (बिहार में सर्वाधिक)
प्रमुख: गया कॉलेज, मिर्जा गालिब कॉलेज, एस.एस. कॉलेज जहानाबाद
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा (1992)
संबद्ध महाविद्यालय: 19
प्रमुख: जे.पी. कॉलेज, आरा, जगजीवन कॉलेज
जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा (1990)
संबद्ध महाविद्यालय: 17
प्रमुख: राजेंद्र कॉलेज, छपरा
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (1992)
संबद्ध महाविद्यालय: 15
प्रमुख: मधेपुरा कॉलेज, सिंहेश्वर कॉलेज
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (1961)
संबद्ध महाविद्यालय: 12 संस्कृत महाविद्यालय
प्रमुख: दरभंगा संस्कृत महाविद्यालय
मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पटना (2004)
संबद्ध महाविद्यालय: 8
प्रमुख: पटना अरबी कॉलेज
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (2010)
संबद्ध महाविद्यालय: 45 तकनीकी संस्थान
प्रमुख: एल.एन. मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (2009)
संबद्ध महाविद्यालय: 10 कृषि महाविद्यालय
प्रमुख: बिहार एग्रीकल्चर कॉलेज, सबौर
नालंदा खुला विश्वविद्यालय (1987)
अध्ययन केंद्र: 38 जिलों में
विशेषता: कोई पारंपरिक महाविद्यालय नहीं
चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना (2006)
संबद्ध संस्थान: 5 लॉ कॉलेज
प्रमुख: पटना लॉ कॉलेज
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (2016)
संबद्ध महाविद्यालय: 3 पशु चिकित्सा महाविद्यालय
प्रमुख: पटना वेटरनरी कॉलेज
पटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना (2018)
संबद्ध महाविद्यालय: 54
प्रमुख: ए.एन. कॉलेज, पटना; बी.डी. कॉलेज
पूर्णिया विश्वविद्यालय (2018)
संबद्ध महाविद्यालय: 12
प्रमुख: पूर्णिया कॉलेज
मुंगेर विश्वविद्यालय (2018)
संबद्ध महाविद्यालय: 18
प्रमुख: आर.डी. एंड डी.जे. कॉलेज, मुंगेर
बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय, पटना (2021)
संबद्ध महाविद्यालय: 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज
प्रमुख: मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (2022)
संबद्ध महाविद्यालय: 14 मेडिकल कॉलेज
प्रमुख: पटना मेडिकल कॉलेज, दरभंगा मेडिकल कॉलेज
विशेष तथ्य:
मगध विश्वविद्यालय सर्वाधिक 94 महाविद्यालयों के साथ बिहार का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है
बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय प्रत्येक जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित करता है
नालंदा खुला विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा प्रदान करता है, जिसके पारंपरिक महाविद्यालय नहीं हैं
निजी विश्वविद्यालय
बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों की भूमिका लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ये सभी 7 निजी विश्वविद्यालय UGC के नियमों के तहत संचालित होते हैं।
1. संदीप विश्वविद्यालय, सिजौल (2017)
स्थान: मधुबनी जिला
संस्थापक: संदीप फाउंडेशन
संकाय:
इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी
प्रबंधन अध्ययन
कंप्यूटर अनुप्रयोग
फार्मेसी
विशेषता: 52 एकड़ में फैला आवासीय परिसर
पाठ्यक्रम: 50+ UG/PG/डिप्लोमा पाठ्यक्रम
स्थापना वर्ष: 2017
2. अमिती विश्वविद्यालय, पटना (2017)
स्थान: पटना
संस्थापक: अमिती समूह
संकाय:
कानून
प्रबंधन
इंजीनियरिंग
कला एवं विज्ञान
विशेषता: NAAC 'A' ग्रेड प्राप्त
शुल्क संरचना: ₹80,000 - ₹1,50,000 प्रति वर्ष
स्थापना वर्ष: 2017
3. डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, बिहार (2018)
स्थान: वैशाली
संकाय:
कृषि विज्ञान
शिक्षा
वाणिज्य
सामाजिक विज्ञान
अनूठी सुविधा: स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी
शोध केन्द्र: 5 विषयों में PhD कार्यक्रम
स्थापना वर्ष: 2018
4. गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (2018)
स्थान: रोहतास
संकाय:
मेडिकल साइंसेज
पैरामेडिकल साइंसेज
नर्सिंग
अस्पताल: 750 बिस्तरों वाला संबद्ध अस्पताल
विशेष पाठ्यक्रम: B.Sc नर्सिंग, BPT, BMLT
स्थापना वर्ष: 2018
5. अल-करीम विश्वविद्यालय (2018)
स्थान: कटिहार
विशेषज्ञता क्षेत्र:
आयुर्वेद
यूनानी चिकित्सा
होम्योपैथी
संबद्ध संस्थान: कटिहार मेडिकल कॉलेज
शुल्क संरचना: ₹50,000 - ₹1,20,000 प्रति वर्ष
स्थापना वर्ष: 2018
6. माता गुजरी विश्वविद्यालय (2018)
स्थान: किशनगंज
मुख्य पाठ्यक्रम:
MBBS
BDS
B.Sc नर्सिंग
अनूठी विशेषता: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पर फोकस
संबद्ध अस्पताल: 300 बिस्तरों की क्षमता
स्थापना वर्ष: 2018
7. के.के. विश्वविद्यालय (2017)
स्थान: बिहारशरीफ (नालंदा)
संकाय:
इंजीनियरिंग
फार्मेसी
प्रबंधन
कंप्यूटर अनुप्रयोग
प्लेसमेंट: 80% प्लेसमेंट दर
शुल्क संरचना: ₹60,000 - ₹1,00,000 प्रति वर्ष
स्थापना वर्ष: 2017
निष्कर्ष
बिहार में उच्च शिक्षा का तेजी से विकास हो रहा है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से बिहार अब न केवल पारंपरिक शिक्षा बल्कि तकनीकी, चिकित्सा और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। नए संस्थानों की स्थापना और मौजूदा संस्थानों के उन्नयन से बिहार के छात्रों को अब उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो रही है। भविष्य में और अधिक संस्थानों के स्थापित होने से बिहार भारत के प्रमुख शैक्षिक केंद्र के रूप में उभर सकता है।